Tuesday, 12 August 2008

75 डॉलर तक जा सकता है कच्चा तेल

नई दिल्ली: मांग में कमी और अमेरिकी चुनाव को देखते हुए वहां की राजनैतिक पैंतरेबाजी के मद्देनजर आने वाले तीन-चार महीनों में तेल की कीमत गिरकर 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। जानकारों की तो कम से कम यही राय है। जानकार हालांकि लॉन्ग टर्म में तेल की कीमतों के 110 - 140 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहने की बात कह रहे हैं। तेल मामलों के जानकार नरेंद्र तनेजा के अनुसार नवंबर में होने वाले प्रेजिडेंट चुनाव को देखते हुए सरकार जनता का सपोर्ट हासिल करने के लिए तेल की कीमतों में ज्यादा से ज्यादा कमी लाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार ने नाइमेक्स में वायदा कारोबार में सट्टेबाजी को कम करने के लिए भी उपाय किए हैं। तनेजा के मुताबिक इसके अलावा अर्थव्यवस्था में मंदी के मद्देनजर अमेरिकी मांग में भी कमी आई है। उन्होंने कहा कि ओलंपिक खेलों के आयोजन के बाद चीन में भी तेल की मांग में कमी आ सकती है। तनेजा के अनुसार आने वाले समय में दुनिया में कोई बड़ी हलचल नहीं होने की स्थिति में शॉर्ट टर्म में तेल की कीमत गिरकर 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल तक नीचे जा सकती है। उन्होंने हालांकि लॉन्ग टर्म में तेल की कीमतों में 110 - 140 डॉलर प्रति बैरल के लेवल को परमानेंट बताया। जॉर्जिया और रूस के बीच जारी संघर्ष को तनेजा इतना बड़ा मुद्दा नहीं मानते हैं जिससे तेल की कीमतों पर असर पड़े। इससे पहले न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में सोमवार को तेल का सितंबर वायदा कारोबार के दौरान 112।72 के निचले लेवल को छूने के बाद75 सेंट गिरकर 114.45 डॉलर प्रति बैरल बंद हुआ। फिलहाल इंटरनैशनल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत 112 डॉलर के आसपास चल रही है। -ET

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