कोलकाता : मलेशिया से आयात किए जाने वाले कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) के लिए भारत को इस साल ज्यादा विदेशी मुद्रा खर्च नहीं करना पड़ेगा। मलेशिया इस साल अपने यहां इसका उत्पादन बढ़ाने जा रहा है। मलेशिया के प्लांटेशन इंडस्ट्रीज एंड कमोडिटीज मंत्रालय के मुताबिक इस साल वह 5 फीसदी अधिक सीपीओ का उत्पादन करेगा। वह अपने पहले के आकलन 1.62 करोड़ टन की तुलना में 1.7 करोड़ टन सीपीओ का उत्पादन करेगा। सीपीओ उत्पादन के सबसे ताजा आकलन के बाद अगस्त डिलीवरी की वायदा कीमत देश के वायदा एक्सचेंज मलेशिया डेरिवेटिव्स बीएचडी (बीएमडीबी) पर 965.62 डॉलर प्रति टन पहुंच गई, वहीं हाजिर कीमत 984.37 डॉलर प्रति टन रही। ऐसे में बीएमडीबी पर सीपीओ के भारतीय आयातकों को लंबी अवधि के वायदा कारोबार के लिए कम भुगतान करना पड़ेगा। समझा जाता है कि आने वाले दिनों में इसकी कीमतों में और कमी आएगी। इस साल 30 जून तक पहली छमाही में मलेशिया ने 82 लाख टन सीपीओ का उत्पादन किया। मलेशिया पाम ऑयल बोर्ड (एमपीओबी) ने अपनी हालिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी। यह 2020 तक अपने उत्पादन को बढ़ाकर 2 करोड़ टन करना चाहता है। पिछले साल बाढ़ की वजह से मलेशिया में इसका उत्पादन घट कर 1.58 करोड़ टन पर रह गया था, जबकि 2006 में भी उत्पादन अच्छा नहीं रहा था जो महज 1.59 करोड़ टन था। (ET Hindi)
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