Monday, 25 August 2008

नेटवर्क जोड़ने के लिए सहमत हुए ऑपरेटर

नई दिल्ली : इंटरकनेक्ट मुद्दे को लेकर जीएसएम ऑपरेटरों और रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के प्रस्ताव के बाद सभी टेलीकॉम कंपनियों ने नेटवर्क को आपस में जोड़ने के लिए लंबित पड़े दूसरे मुद्दों को सुलझाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते पर हस्ताक्षर टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई की उपस्थिति में किए गए। समझौते के मुताबिक सभी टेलीकॉम कंपनियां इंटरकनेक्ट के मुद्दे को 15 अक्टूबर तक सुलझा लेंगी। इसके अलावा, सभी कंपनियां इंटरकनेक्ट समझौते के दोबारा नवीनीकरण के लिए भी सहमत हो गई हैं। कंपनियां इस बात पर सहमत हैं कि भविष्य में इस प्रकार का विवाद होने पर वे ट्राई के निर्णय का पालन करेंगी। पिछले सप्ताह ट्राई के अधिकारियों की मौजूदगी में आरकॉम और जीएसएम खिलाड़ियों ने इंटरकनेक्शन मुद्दे को सुलझाया था। इंटरकनेक्शन टेलीकॉम कंपनियों के लिए जीवनरेखा की तरह है क्योंकि इसके बिना एक ऑपरेटर का ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहक को न तो कॉल कर सकता है और न ही रिसीव कर सकता है। एक ऑपरेटर का ट्रैफिक दूसरे ऑपरेटर को एक विशेष जंक्शन पर मिलता है जिसे प्वाइंट्स ऑफ इंटरकनेक्ट (पीओआई) कहते हैं। ऑपरेटरों के बीच पीओआई की संख्या उनके नेटवर्क पर ट्रैफिक के आधार पर होती है। पीओआई की संख्या जितनी ज्यादा होगी, नेटवर्क पर व्यस्तता उतनी कम होगी। कॉल न लगना, पहले प्रयास में कनेक्ट न होना और खराब आवाज की समस्या तब आती है जब ऑपरेटरों के बीच ट्रैफिक बहुत ज्यादा हो और पीओआई की संख्या कम हो। ट्राई के एक अधिकारी ने ईटी को बताया, 'जब हमने आरकॉम और जीएसएम ऑपरेटरों के बीच इंटरकनेक्ट के मुद्दे को सुलझाया, तो पाया कि इंटरकनेक्शन को लेकर और भी कई समस्याएं हैं। इंटरकनेक्शन को लेकर किए गए कई अनुरोध 18-24 महीने से लंबित पड़े हैं। हमने ऑपरेटरों के बीच एक समझौता कराया है जिसके तहत उन्होंने 15 अक्टूबर से पहले समस्याओं को सुलझाने का वायदा किया है।' अधिकारी ने बताया कि सभी ऑपरेटर ट्राई के निरीक्षण में इंटरकनेक्शन मुद्दे पर एक-दूसरे को सहयोग करने के लिए सहमत हैं, हालांकि अगले एक सप्ताह में या फिर दो पक्ष इंटरकनेक्शन के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाने में नाकाम रहे, तो ट्राई दोबारा कदम उठाएगा। ऐसी परिस्थिति में टेलीकॉम कंपनियों को ट्राई के निर्णय का पालन करना पड़ेगा। -ET

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