Friday, 22 August 2008

ब्रोकरेज फर्म घटते कारोबार से खर्च में कटौती को मजबूर

नई दिल्ली : शेयर बाजार में मंदी के बीच अपना मार्जिन बरकरार रखने के लिए कई ब्रोकरेज फर्म अपने खर्च में कटौती कर रहे हैं। पिछले साल बाजार की छलांग से जहां ब्रोकरेज फर्मों और ब्रोकरों की चांदी थी, वहीं इस साल उन्हें अपना कारोबारी लक्ष्य हासिल करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बाजार की बेवफाई की वजह से घटते कारोबार पर लगाम लगाने के लिए ब्रोकरेज फर्म हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। ब्रोकरेज फर्म एसएमसी ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद अग्रवाल ने बताया, 'कारोबार की रफ्तार सुस्त है, इसलिए लागत में कटौती की जा रही है। कटौती कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में नहीं बल्कि दूसरे खर्चों में की जा रही है।' अग्रवाल ने बताया कि कंपनी के सीईओ या दूसरे अधिकारियों के ट्रैवलिंग खर्च में कमी की जा रही है। जो अधिकारी पहले बिजनेस क्लास में सफर करते थे, उन्हें अब इकनॉमी क्लास का हवाई टिकट दिया जा रहा है। पहले उनके ठहरने के लिए पांच सितारा होटल बुक किए जाते थे, अब वह थ्री स्टार या उससे भी सस्ते होटल में ठहर रहे हैं। अग्रवाल ने बताया कि ऑफिस की साज-सज्जा या उसके डेकोरेशन पर किया जाने वाला खर्च भी कम किया जा रहा है। कटौती के मामले में कुछ ऐसी ही हालत अन्य ब्रोकरेज फर्मों की है। नाम न बताने की शर्त पर वेटूवेल्थ के एक कार्यकारी ने बताया कि खर्च कम करने के लिए कंपनी कई विभागों को आपस में मिला रही है। पहले जहां म्युचूअल फंड, शेयर और बीमा के उत्पादों की बिक्री के लिए अलग-अलग विभाग थे वहीं अब म्युचूअल फंड, शेयर और बीमा के विभागों को सभी तरह के उत्पादों को बेचने की छूट दे दी गई है। नाम न छापने की शर्त पर इंडिया बुल्स के एक अधिकारी ने बताया कि जिन कर्मचारियों का प्रदर्शन खराब है, उन्हें निकाला जा रहा है। उन्होंने बताया कि पहले कर्मचारी को योग्यता साबित करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया जाता था। अब उन्हें सिर्फ एक महीने का वक्त ही दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कंपनी इस वक्त बड़ी संख्या में फ्रेशर्स की नियुक्ति कर रही है। इससे भी कंपनी को लागत कम करने में मदद मिलेगी। -ET

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