नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एग्रीकल्चरल प्रोड्यूसर्स कमेटियों (एपीएमसी) को आयकर न देने की इजाजत नहीं मिल सकती। कोर्ट ने एपीएमसी को स्थानीय निकाय के बराबर मानने से इनकार कर दिया। जस्टिस एस. एच. कपाड़िया और जस्टिस बी. एस. रेड्डी ने अपने फैसले में कहा, 'हमारा मानना है कि एपीएमसी आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (20) के तहत कर से पूरी तरह छूट की हकदार नहीं हैं।' उन्होंने कहा कि एक्प्लेनेशन वाइड फाइनेंस एक्ट, 2002 में संशोधन के बाद वह इस छूट की हकदार नहीं रह जाती हैं। यह संशोधन 1 अप्रैल, 2003 से लागू है। इस संशोधन से पहले इन कमेटियों को आयकर अधिनियम 10 (20) के तहत कर से छूट मिली हुई थी। कोर्ट ने कहा कि इन कमेटियों को म्यूनिसिपल कमेटियों या जिला बोर्डों के बराबर नहीं माना जा सकता, इसलिए वह इस छूट की हकदार नहीं हैं। जस्टिस कपाड़िया ने बेंच की तरफ से फैसला लिखते हुए कहा कि संसद ने पंचायत, म्यूनिसिपल कमेटियों और जिला बोर्ड को ही आयकर से छूट दी है।-ET
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