Sunday, 10 August 2008

डेट फंड में निवेश की सलाह

बीते कुछ महीने के दौरान शेयर बाजारों में मंदड़ियों की तूती बोल रही है। नतीजतन, इक्विटी आधारित बाजार के उत्पादों से मिलने वाले रिटर्न में कोई खास आकर्षण नहीं बचा है। कुछ मामलों में रिटर्न नकारात्मक स्तरों पर जा पहुंचा है। शेयर बाजारों में गिरावट के लिए वैश्विक बाजारों में जारी नकारात्मक घटनाक्रम जिम्मेदार हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमोडिटी की कीमतों में हुआ भारी इजाफा प्रमुख है। दूसरी ओर, घरेलू मोर्चे पर महंगाई दर रेकॉर्ड तोड़ने में लगी हुई है, जिस वजह से सिरदर्द और बढ़ गया है। भारतीय रिजर्व बैंक और सरकार ने हालात काबू में रखने के लिए लिक्विडिटी कम करने, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, प्रमुख कमोडिटी के दामों पर लगाम डालने से जुड़े कदम उठाए हैं। विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजारों में यह नकारात्मक सेंटीमेंट आने वाली कुछ और तिमाहियों के दौरान भी कायम रहेंगे और माकेर्ट में उठापटक जारी रहेगी, जिससे जोखिम भी बना रहेगा। जो लोग ज्यादा जोखिम नहीं उठाना चाहते, वह पोर्टफोलियो का ज्यादा बड़ा हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में लगा सकते हैं। ये इंस्ट्रूमेंट्स ऊंची महंगाई दर और ब्याज दर बढ़ने पर आकर्षक रिटर्न देते हैं। डेट इंस्ट्रूमेंट्स में कॉरपोरेट डेट, पूंजी बाजार इंस्ट्रूमेंट्स, डेट म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट और पब्लिक प्रोविडेंट फंड शामिल हैं। डेट फंड का मुख्य उद्देश्य मूल राशि की सुरक्षा और ठीक-ठाक रिटर्न देना है। डेट फंड में निवेश की सलाह उन निवेशकों को भी दी जाती है जो निवेश को लेकर कम मियाद का नजरिया रखते हैं। बाजार में उपलब्ध कुछ डेट इंस्ट्रूमेंट डेट म्यूचुअल फंड डेट म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट डेट, पूंजी बाजार इंस्ट्रूमेंट्स, कॉल मनी जैसे सुरक्षित उत्पादों में निवेश करते हैं। ये मूल राशि की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और रिटर्न भी देते हैं। कई डेट म्यूचुअल फंड ने फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान शुरू किए हैं, जो सालाना 10 से 11 फीसदी के मुनाफे का इंतजाम करते हैं। लिक्विड म्यूचुअल फंड इन दिनों 8-9 फीसदी सालाना का मजबूत रिटर्न दे रहे हैं। इन फंड में निवेशक अपनी अस्थायी अतिरिक्त आमदनी लगाते हैं। वास्तव में कई संस्थागत निवेशक घरेलू डेट बाजार में अपने फंड लगा रहे हैं। घरेलू और विदेशी ब्याज दरों के बीच के अंतर की वजह से ऐसा हो रहा है। मसलन, अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने बीते कुछ तिमाहियों के दौरान ब्याज दरों में भारी कटौती की है। बैंक डिपॉजिट भारतीय रिजर्व बैंक के दरों में इजाफा करने की वजह से बैंक डिपॉजिट पर मिलने वाला रिटर्न इस साल 2-3 फीसदी बढ़ा है। कई बैंक मैच्योरिटी फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 1-2 साल की विशेष डिपॉजिट ऑफर दे रहे हैं, जिनमें निवेश कर 10-10.5 फीसदी रिटर्न हासिल किया जा सकता है। बैंक डिपॉजिट छोटी मियाद के लिए निवेश करने वाले लोगों के लिए बढ़िया विकल्प साबित हो सकते हैं। कम अवधि वाले बैंक डिपॉजिट 6-7 फीसदी रिटर्न देते हैं। इन दिनों कई बैंक फंड स्वीप इन-स्वीप आउट सुविधा भी मुहैया करा रहे हैं, जहां एक निश्चित सीमा के बाद पहुंचने पर रकम खुद-ब-खुद फिक्स्ड डिपॉजिट में तब्दील हो जाती है। बचत खाता की तुलना में इनसे ज्यादा रिटर्न मिलता है। कमोडिटी डेट निवेशकों के लिए कमोडिटी, खास तौर से सोना और चांदी में निवेश करना आकर्षक विकल्प है। कमोडिटी में निवेश से बीती कुछ तिमाहियों के दौरान बढ़िया मुनाफा मिला है और विश्लेषकों का मानना है कि शेयर बाजार में माहौल नकारात्मक है जिस वजह से कमोडिटी बाजार में इन दिनों ज्यादा पैसा लगाया जा रहा है। संपत्ति लंबी मियाद के लिए निवेश करने वाले लोगों के लिए संपत्ति भी बढ़िया विकल्प है क्योंकि कुछ जगह हाल में प्रॉपर्टी के दामों में कमी देखने को मिली है। संपत्ति में निवेश से छोटी अवधि के निवेशकों को किराए से होने वाली आय मिलती है जबकि पूंजीगत फायदे के तौर पर लंबी मियाद के निवेशकों को लाभ होता है।
(ET)

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