नई दिल्लीः कम निवेशक और कम वॉल्यूम से जूझ रहे शेयर बाजारों को सरकार के एक नए संशोधन से नया टॉनिक मिल सकता है। सरकार ने जिन संशोधित नियमों की घोषणा की है उनके मुताबिक निजी प्रॉविडेंट फंड को अब अपनी रकम का ज्यादा बड़ा हिस्सा शेयर बाजार और कॉरपोरेट डेट में निवेश करने की इजाजत होगी। ऐसे प्रॉविडेंट फंड अब 5 फीसदी की तय सीमा के बजाए अपनी राशि में से 15 फीसदी तक का हिस्सा शेयर बाजार में निवेश कर सकेंगे। इसके अलावा वे निजी क्षेत्र के डेट इंस्टूमेंट में फंड का 40 फीसदी हिस्सा लगा सकेंगे जबकि पहले इसके लिए केवल 10 फीसदी की इजाजत थी। साथ ही इन डेट इंस्टूमेंट को अब केवल एक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी से रेटिंग लेने की जरूरत होगी। पहले उन्हें दो एजेंसियां रेट करती थीं। संशोधित दिशा-निर्देश 1 अप्रैल, 2009 से लागू होंगे। नियमों को उदार बनाने के फैसले से रिटायरमेंट स्कीम से ज्यादा रकम शेयर बाजार में लाने और कॉरपोरेट डेट बाजार को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी। निवेश से जुड़े कुछ नियमों में ढील देने का सरकार के कदम का उद्देश्य ट्रस्टियों को ज्यादा लचीलापन मुहैया कराना है जिससे उन्हें ज्यादा मुनाफा बनाने में मदद मिले। इस फैसले से उन्हें स्वायत्तता और अधिकार मिलेंगे। प्राइवेट प्रॉविडेंट फंड के पास अब इंटरनैशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट, इंटरनैशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन और एशियन डेवलपमेंट बैंक जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों की ओर से जारी रुपए वाले बॉन्ड में भी निवेश करने का विकल्प हासिल होगा। इससे प्रॉविडेंट फंड की ओर से लंबी मियाद के लिए लगाए जाने वाले रुपयों को इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में इस्तेमाल किया जा सकेगा क्योंकि बहुपक्षीय एजेंसियां कई बार ऐसी परियोजनाओं को वित्तीय मदद देती हैं। आर्थिक मामलों के विभाग ने गुरुवार को जारी अधिसूचना में जो बदलाव किए हैं वे जनवरी, 2005 में जारी पिछली अधिसूचना में आंशिक परिवर्तन लाते हैं। यह अधिसूचना गैर-सरकारी प्रॉविडेंट फंड, पेंशन फंड और ग्रेच्युटी फंड के निवेश के पैटर्न तय करती है। इसके बाद सितंबर, 2007 में वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रस्तावित संशोधित पैटर्न को मसौदे के रूप में रखा गया था और टिप्पणियां आमंत्रित की गईं। नए निवेश पैटर्न में हुए बदलाव में केन्द्र सरकार की प्रतिभूतियों, प्रदेश सरकार की प्रतिभूतियों और गिल्ट म्यूचुअल फंड की यूनिट का एक श्रेणी में विलय शामिल है। फंड अब इस श्रेणी में इनवेस्टीबल फंड का 55 फीसदी निवेश कर सकेंगे। -ET
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