कोलकाता : अक्टूबर महीने से शुरू हो रहे 2008-09 के चीनी वर्ष के दौरान उत्पादन में गिरावट के पूर्वानुमान से चीनी का खुदरा मूल्य 19 रुपए किलो के ऊपर जा सकता है। महाराष्ट्र के गन्ना पैदावार क्षेत्र में कम बारिश से आगामी चीनी वर्ष के दौरान चीनी उत्पादन में गिरावट आने की आशंका गहरा गई है। इससे चीनी की कीमत 4 से 5 रुपए बढ़कर 20-22 रुपए प्रति किलो हो सकती है। आगामी सीजन के चीनी उत्पादन का आरंभिक अनुमान उस समय आया है, जब त्योहारों के चलते चीनी के दाम में पहले से ही उछाल आया हुआ है, क्योंकि साल के अन्य समय से त्योहारों में चीनी की खपत 20-25 फीसदी बढ़ जाती है। जून से अभी तक के दौरान गन्ना की खेती के आकलन के आधार पर इंडस्ट्री और सरकार ने 2008-09 के चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) का अनुमान लगाया है। आकलन के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस साल उत्पादन 17 फीसदी घटकर 2.2 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जो चालू सत्र के 2.65 करोड़ टन से काफी कम है। विश्लेषकों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में चीनी निर्यात में गिरावट आएगी। 30 सितंबर को चीनी निर्यात को मिल रही ट्रांसपोर्ट सब्सिडी की मियाद खत्म हो रही है। विश्लेषकों के मुताबिक, कारोबारियों के अनुसार मांग-आपूर्ति में पैदा हुए फर्क से पिछले 3 दिनों में ही चीनी की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया है। बावजूद इसके कि सरकार ने जुलाई-सितंबर की तिमाही में मिलों को फ्री सेल और बफर स्टॉक का संयुक्त कोटा 48 लाख टन चीनी को खुले बाजार में जारी करने को कहा था। उनका कहना है कि जारी कोटा मांग की तुलना में 5 लाख टन कम है। _ET
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1 comment:
In Western UP, the sugar cane area is reduced by 20-30% this year for simple reasons.
1- Delay in starting of sugar mills in 2007
2- Long delay in payment to farmers
3- Uncertainty in price of sugar cane. This year farmers could not get what they were promised
4- Vulnerable government policies favoring industrialist
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