नई दिल्ली, 25 जुलाई। व्यापारिक सूत्रों के अनुसार पिछले साल की समान अवधि में मैंथा तेल की दैनिक आवकें जहां 150 ड्रमों की होती थी वहीं चालू फसल सीजन में घटकर मात्र 50 ड्रमों की हो रही है। प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में बीते दिनों हुई बारिश से फसल को पहुंचे नुकसान की वजह से मैंथा के पौधों से तेल का उतारा कम बैठ रहा है जिसे देखते हुए किसानों ने इसकी बिकवाली कम कर दी है। बची-खुची कसर बाराबंकी इलाके में आई बाढ़ ने पूरी कर दी। यहां भी बाढ़ से फसल के प्रभावित होने की सूचना है। वर्तमान में भी उत्पादक राज्यों में हो रही बारिश से नुकसान का प्रतिशत बढ़ने की संभावना को देखते हुए जहां बिजाई के समय 40 हजार टन का उत्पादन माना जा रहा था वहीं अब जानकारों का कहना है कि उत्पादन घटकर 20 हजार टन से भी कम रह सकता है। ज्ञात हो गत वर्ष देश में मैंथा तेल का उत्पादन 32 हजार टन का हुआ था। आज चंदौसी मंडी में मैंथा तेल के भाव बढ़कर 815 रुपये प्रति किलोग्राम हो गये जबकि आगामी दिनों में इसके भावों में तेजी का रुख बरकरार रह सकता है।
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