Sunday, 17 August 2008

पुराने निवेश को भुनाकर नई जगह लगाना फायदेमंद

बढ़ती महंगाई को देखते हुए लोगों के पास निवेश के लिए ज्यादा धन मौजूद नहीं है। होम लोन की ब्याज दरें बढ़ने की वजह से बहुत से लोगों की मासिक बचत भी अब मासिक किस्त (ईएमआई) के भुगतान में ही निकल जा रही है। ऐसी स्थिति में जब निवेश के लिए धन उपलब्ध न हो और बाजार में कुछ आकर्षक योजनाएं उपलब्ध हों तो आप पुराने निवेश को भुनाकर उसे बेहतर रिटर्न देने वाली नई योजना में लगा सकते हैं। इसके लिए इक्विटी लिंक्ड बचत योजना (ईएलएसएस) में पहले किए गए निवेश को भुनाकर उससे मिलने वाली धनराशि को सीधे म्युचूअल फंड में निवेश करना एक अच्छा तरीका है। सेंसेक्स में तेजी के दौरान बहुत से निवेशकों ने आयकर कानून की धारा 80 सीसीसी के तहत कर लाभ लेने के लिए म्युचूअल फंड की ईएलएसएस योजनाओं में निवेश किया था। आयकर कानून के अनुसार ईएलएसएस में 1,00.000 रुपए तक के निवेश पर कर लाभ मिलता है। ईएलएसएस में निवेश के लिए 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। आसान शब्दों में कहा जाए तो आप इन योजनाओं से अपना धन निवेश की तिथि से 3 वर्ष पूरे होने के बाद ही निकाल सकते हैं। अगर आपने सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का विकल्प चुना है तो आपकी प्रत्येक किस्त एक अलग निवेश मानी जाती है। अगर आप इक्विटी में निवेश करने से बचना चाहते हैं तो आप अपने होम लोन का समय पूर्व भुगतान करने के बारे में सोच सकते हैं। होम लोन के मूल धन के 1,00,000 रुपए तक के भुगतान पर आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर लाभ मिलता है। मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में अभी कुछ महीने बाकी हैं। लेकिन कर बचाने के लिए अभी से बचत करना बेहतर रहेगा क्योंकि वर्ष की समाप्ति के समय आपके आप समय और धन की कमी हो सकती है। निवेश के लिए समय का भी काफी महत्व होता है। इसलिए मार्च का तक इंतजार करना ठीक नहीं रहेगा।-ET

No comments: