Tuesday, 19 August 2008

स्टॉक एक्सचेंजों में निवेश की सीमा बढ़ा सकता है सेबी

नई दिल्ली / मुंबई : सेबी स्टॉक एक्सचेंज में निवेश की सीमा को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। अभी कोई निवेशक किसी स्टॉक एक्सचेंज के 5 फीसदी से अधिक शेयर नहीं खरीद सकता है। सेबी इस सीमा को बढ़ाकर 15 फीसदी करने पर विचार कर रहा है। निवेश की संशोधित सीमा भारतीय और विदेशी दोनों ही निवेशकों पर लागू होगी। एक अधिकारी ने बताया कि स्टॉक एक्सचेंज में निवेश से संबंधित मौजूदा नियमों के चलते नए एक्सचेंजों शुरू करने में कठिनाइयां आ रही हैं। एकाधिकार की स्थिति से बचने के लिए सेबी और सरकार स्टॉक एक्सचेंजों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना चाहते हैं। अधिकारी ने बताया कि सेबी के बोर्ड की पिछली बैठक में स्टॉक एक्सचेंजों में निवेश से संबंधित नियमों में परिवर्तन करने के प्रस्ताव पर विचार हुआ। यह तय किया गया कि इस संबंध में व्यापक विमर्श के बाद फैसला लिया जाएगा। यदि सेबी इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर देता है तो न्यू यॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, डोएचे बोर्स और सिंगापुर एक्सचेंज जैसे विदेशी निवेशक घरेलू स्टॉक एक्सचेंजों में अपना निवेश और बढ़ा सकेंगे। सेबी ने नवंबर 2006 में स्टॉक एक्सचेंजों को कंपनी का रूप देने (डिम्यूचलाइजेशन) से संबंधित अधिसूचना जारी की थी। शेयर बाजार नियामक ने स्टॉक एक्सचेंज के कम से कम 51 फीसदी शेयर आम निवेशकों के लिए जारी करने को अनिवार्य बनाया था। फिलहाल कोई निवेशक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्टॉक एक्सचेंज में 5 फीसदी से अधिक निवेश नहीं कर सकता है। इसके अलावा निवेशकों के मिलकर स्टॉक एक्सचेंज में निवेश करने के लिए भी कड़े नियम बनाए गए थे। इसके मुताबिक जब तक कोई निवेशक 'फिट एंड प्रॉपर' की शर्त पूरी नहीं करता उसे स्टॉक एक्सचेंज की चुकता पूंजी का एक फीसदी से अधिक हासिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसका मतलब यह है कि वही निवेशक स्टॉक एक्सचेंज की चुकता पूंजी का एक फीसदी हासिल कर सकेगा जो सेबी की सभी शर्तें पूरी करेगा। एक फीसदी शेयर हासिल करने के लिए भी सेबी की पूर्व अनुमति जरूरी है। सेबी ने दिसंबर 2006 में स्टॉक एक्सचेंज में विदेशी निवेशकों को निवेश करने की अनुमति दे दी थी। स्टॉक एक्सचेंज में कुल निवेश की सीमा 49 फीसदी तय की गई है। -ET

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