नई दिल्ली : वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट और देश की अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद प्रवासी भारतीय आश्चर्यजनक रूप से रियल एस्टेट में निवेश कर रहे हैं। पूरे देश में चल रही कई रियल एस्टेट परियोजनाओं में प्रवासी भारतीयों का करीब 10-20 फीसदी योगदान है। रियल एस्टेट में प्रवासी भारतीयों की उत्सुकता दिल्ली एनसीआर के अलावा देश के प्रमुख शहरों में है। प्रवासी भारतीयों के अनुसार भारत के रियल एस्टेट में निवेश करना किसी भी विकसित देश में निवेश करने से अधिक आकर्षक है। भारत की प्रॉपर्टी में निवेश करने की सरल प्रक्रिया के चलते प्रॉपर्टी में प्रवासी भारतीयों में खासा रुझान है। अंतरराष्ट्रीय प्रापर्टी मामलों के सलाहकार और एक्सिओम एस्टेट के सीईओ व चेयरमैन राजेश गोयनका ने बताया कि धनवान प्रवासी भारतीय देश के रियल एस्टेट में बड़े खरीदार हैं, वे बड़ी मात्रा में अपने देश में जमीनें खरीद रहे हैं। रियल एस्टेट की मंदी का उनकी खरीदारी पर फिलहाल कोई प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है क्योंकि वे मंदी को विश्व के परिप्रेक्ष्य में देख रहे हैं। ये लोग भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास जता रहे हैं क्योंकि इन्हें विश्वास है कि अर्थव्यवस्था में सुधार होने पर इनके दाम में 10 से 15 फीसदी की वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि अनुमान के मुताबिक मंदी के बाद से प्रवासी भारतीयों की खरीदारी में प्रति तिमाही 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जिससे पिछले 2-3 साल में खरीदारी बढ़कर ढाई गुना हो गई है। जोंस लैंग लसाल मेघराज होमबे रेजिडेंशियल के मैनेजिंग डायरेक्टर रमिंदर ग्रोवर ने बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन के बहुत से प्रवासी भारतीयों का अपनी नौकरी को लेकर विश्वास कम हुआ है क्योंकि विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट से वे परेशान -ET
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment