नई दिल्ली : इन दिनों घरेलू दूरसंचार क्षेत्र से कई बड़ी खबरें आ रही हैं और इस सिलसिले की नई कड़ी भी हाजिर है। जल्द ही आपको सबसे सस्ती एसटीडी और आईएसडी दर चुनने की सहूलियत मिलने जा रही है, भले ही आपको सेवा देने वाला ऑपरेटर कोई भी हो। इंटरनेट टेलीफोनी पर लगी पाबंदियां हटाने की सिफारिश कर चुका भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इस सप्ताह निर्देश देगा कि दूरसंचार कंपनियां लंबी दूरी की कॉल करने के लिए ग्राहक को ऑपरेटर चुनने की आजादी दें। चाहे वह घरेलू कॉल (एसटीडी) हो या फिर अंतरराष्ट्रीय (आईएसडी)। इस कदम से लंबी दूरी की कॉल में प्रतिस्पर्धा का नया दौर शुरू होगा और सरकार को लाइसेंस में जल्द ही संशोधन करने होंगे ताकि दूरसंचार कंपनियां ट्राई के निर्देशों के मुताबिक चलें। ट्राई की यह योजना कई साल पहले की कैरियर एक्सेस कोड (सीएसी) परियोजना को लागू करने जैसी बात नहीं है। सीएसी को लेकर दूरसंचार कंपनियों की ओर से हुए विरोध और इनके स्वर में स्वर मिलाने की दूरसंचार विभाग की मंशा को देखते हुए ट्राई एक अलग सुझाव लाया है। यह कुछ इस तरह काम करेगा। मान लीजिए कि आप भारती एयरटेल के ग्राहक हैं। आपको जानकारी मिलती है कि बीएसएनएल लंबी दूरी की सबसे सस्ती दरें मुहैया करा रहा है। आप बीएसएनएल से लंबी दूरी की कॉल करने से जुड़ा प्री-पेड पैकेज खरीदेंगे। बीएसएनएल के नेटवर्क पर जाने के लिए आपको पैकेज में दिए गए अंक डालने होंगे। इसके बाद आप लंबी दूरी की कॉल कर सकेंगे और प्री-पेड पैकेज की अधिकतम सीमा तक बात कर सकेंगे। नियामक संस्था यह आदेश भी देगी कि सभी दूरसंचार कंपनियां अपने ग्राहकों को प्री-पेड लॉन्ग डिस्टेंस पैकेज या वर्चुअल कॉलिंग कार्ड खरीदने की सुविधा मुहैया कराएं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों को अपने ऑपरेटर का चुनाव करने की इजाजत दिए जाने के बाद लंबी दूरी की कॉल दरें 20 फीसदी से 53 फीसदी के बीच गिरी हैं। ट्राई का यह निर्देश सभी प्रमुख मोबाइल ऑपरेटर के मुनाफे पर चोट करेगा। नेट टेलीफोनी पर ट्राई की सिफारिशों के बाद दूरसंचार कंपनियों के शेयरों ने मंगलवार को बाजार में गोता लगाकर निराशा जताई। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर दूरसंचार विभाग ने नेट टेलीफोनी पर ट्राई का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया तो सभी टेलीकॉम कंपनियों के कारोबारी मॉडल पर काफी बुरा असर होगा। -ET
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