Wednesday 27 August, 2008

संतुलित पोर्टफोलियो से जोखिम कम

5 साल पहले 2003 की दूसरी छमाही से घरेलू शेयर बाजारों में तेजी का सबसे लंबा दौर देखा गया था। निवेशकों ने इस दौरान अच्छा मुनाफा कमाया , लेकिन इनमें से कई लोग पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का बुनियादी सिद्धांत भुला बैठे। जानकारों का कहना है कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर से मुकाबले के लिए इक्विटी में निवेश बढ़िया हथियार है। लंबे वक्त में इक्विटी में निवेश अच्छा होता है। छोटी अवधि में इससे झटके लग सकते हैं। इससे मुनाफे में सेंध लग सकती है। इससे बचने के लिए पोर्टफोलियो में संतुलन जरूरी है। पिछले 6 महीनों से बाजार निवेशकों को यह सबक देने की कोशिश कर रहा है। वैकल्पिक निवेश डायवर्सिफिकेशन का बेहतर जरिया है। इसके बारे में काफी बातचीत की जाती है , लेकिन बाजार इसे कभी - कभार ही आजमाया जाता है। निवेशक को पैसा लगाने का मकसद , जोखिम क्षमता और निवेश की मियाद के आधार पर रणनीति बनानी चाहिए। स्टॉक और बॉन्ड जैसे पारंपरिक निवेश का मिश्रण सही रवैया है। हालांकि मोटी जेब और बढ़िया जानकारी रखने वाले निवेशक अपने पोर्टफोलियो के विस्तार के लिए वैकल्पिक निवेश पर भी गौर कर सकते हैं। पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई बनाने के 3 प्रमुख तरीके संपत्ति आवंटन डायवर्सिफिकेशन , रणनीति आधारित डायवर्सिफिकेशन और भौगोलिक डायवर्सिफिकेशन शामिल है। पोर्टफोलियो को संतुलित बनाने का सबसे आम और पारंपरिक तरीका संपत्ति की अलग - अलग श्रेणियों में निवेश करना है। इनमें इक्विटी , फिक्स्ड इनकम , रियल एस्टेट , सर्राफा और कच्चे तेल जैसे विकल्पों में पैसा लगाया जा सकता है। हालांकि , जब कोई संपत्ति श्रेणी बेहतरीन प्रदर्शन करती है तो ज्यादातर निवेशक इस अनुशासन को ताक पर रखने की भूल कर बैठते हैं। नतीजतन , उनके पोर्टफोलियो का संतुलन बिगड़ जाता है। ऐसे कई उत्पाद हैं जो अलग - अलग संपत्ति श्रेणियों में निवेश के बेहतरीन मौके मुहैया कराते हैं। इनमें से कुछ हाइब्रिड ढांचा मुहैया कराते हैं जो रणनीति और पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के नजरिए से भी बेहतर अवसरों का कॉम्बिनेशन मुहैया कराते हैं। सीधे इक्विटी में पैसा लगाने वाले निवेशक को डायवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड , किसी खास थीम पर आधारित फंड , पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज और जोखिम सहने की क्षमता के आधार पर हाइब्रिड उत्पादों पर भी विचार करना चाहिए।-ET

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