Wednesday 27 August, 2008

IPO निवेशकों के लिए फायदेमंद सेबी की नई व्यवस्था

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ( सेबी ) की ओर से छोटे निवेशकों के लिए एक अच्छा समाचार है। सेबी ने उन खुदरा निवेशकों के लिए कदम उठाया है जो प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम ( आईपीओ ) में निवेश करते हैं और शेयरों का आवंटन न होने की स्थिति में भी उनका धन कई सप्ताह तक कंपनी के पास जमा रहता है। सेबी ने एक सर्कुलर जारी कर ' एप्लीकेशंस सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड एमाउंट ' ( एएसबीए ) के जरिए अतिरिक्त भुगतान की अनुमति दी है। एएसबीए चेक के जरिए आईपीओ में धन लगाने की मौजूदा प्रक्रिया के साथ काम करेगा। एएसबीए का विकल्प चुनने वाले निवेशकों को एक बैंक खाते में धन रखने के लिए सहमत होना होगा। यह योजना केवल खुदरा निवेशकों पर लागू होगी। एएसबीए को सब्सक्राइब करने वाले निवेशक अपनी निविदा को संशोधित नहीं कर सकते लेकिन वे आईपीओ की अवधि के दौरान अपना आवदेन वापिस ले सकते हैं। इस वर्ष मई में सेबी के बोर्ड ने पब्लिक और राइट्स इश्यू में भुगतान के वैकल्पिक माध्यम के तौर पर बैंक खाते पर निवेशक का अधिकार रखने के कॉन्सेप्ट को सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दी थी। सेबी ने इस बारे में ब्योरे भी जारी किए थे कि कोई निवेशक किसी आईपीओ के लिए आवेदन करते समय किस तरह आवदेन से जुड़ी रकम आवंटन होने तक अपने खाते में रख सकता है। इस प्रक्रिया को ही एएसबीए कहा जाता है। इसमें बैंकों को यह अधिकार होगा कि वह आईपीओ के आवेदन के साथ दिए जाने वाले धन को बैंक खाते में ही ब्लॉक रखें। एएसबीए प्रक्रिया सभी बुक बिल्ट पब्लिक इश्यू के लिए लागू होगी। इश्यू जारी करने वाली कंपनी शेयरों के आवंटन के आधार को अंतिम रूप देते समय एएसबीए आवेदनों को अन्य आवेदनों के समान ही मानेगी। एएसबीए प्रक्रिया की पेशकश ' सेल्फ सर्टिफाइड सिंडीकेट बैंक ' ( एससीएसबी ) करेंगे। इस सुविधा की पेशकश देने के इच्छुक बैंकों को अपना नाम एससीएसबी सूची में शामिल कराने के लिए सेबी के पास निर्धारित प्रारूप में एक प्रमाणपत्र जमा कराना होगा। इस सूची को सेबी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करेगी। सूची में शामिल होने के बाद बैंक को इश्यू जारी करने वाले के साथ एक समझौता करना होगा और उन्हें अपने सभी खाताधारकों को एएसबीए सुविधा की पेशकश देनी होगी। इस प्रक्रिया से रिफंड की प्रक्रिया समाप्त हो जाएगी। इससे पब्लिक इश्यू बंद होने और उसकी लिस्टिंग के बीच लगने वाला समय भी कम होगा। इस समय रिफंड की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शेयर बाजार में नए इश्यू की लिस्टिंग होती है। -ET

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