नई दिल्ली: ग्लोबल मार्केट्स से मिले नेगटिव रुझानों के मद्देनजर के मद्देनजर आने वाले सप्ताह घरेलू मार्केट्स में सोना और चांदी क्रमश: 11 हजार रुपये प्रति दस ग्राम और 20 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के आस पास कारोबार कर सकते हैं। ग्लोबल मार्केट्स में शुक्रवार को सोना 8 सौ डॉलर प्रति आउंस के नीचे चला गया जबकि घरेलू स्पॉट मार्केट्स शुक्रवार को 15 अगस्त यानी इंडिपेंडेंस डे के अवसर पर बंद हैं। एशियाई स्पॉट मार्केट्स में शुक्रवार को कारोबार के दौरान सोना 17 दिसंबर के निचले स्तर यानी 782 डॉलर प्रति आउंस तक नीचे गया। वहीं चांदी 12 पर्सेंट की गिरावट के साथ जून 2006 के निचले स्तर तक चली गई। भारतीय समयानुसार 2 बजे स्पॉट सोना और चांदी क्रमश: 793 और 12.65 डॉलर प्रति आउंस के आस- पास थे। ऑल इंडिया ज्वैलर्स एसोसिएशन के प्रेजिडेंट एस. के. जैन मानते हैं कि हाल के दिनों में कीमतों में भारी कमी के मद्देनजर हुई मुनाफावसूली के बाद सोने और चांदी की कीमतों में फिर से गिरावट शुरु हो गई है। जैन के अनुसार सोमवार को स्पॉट मार्केट्स के खुलते ही सोने और चांदी की कीमतों में नरमी देखी जा सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले सप्ताह घरेलू मार्केट्स में सोना और चांदी क्रमश: 11 हजार रुपये प्रति दस ग्राम और 20 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के आस -पास कारोबार कर सकते हैं जबकि ग्लोबल मार्केट्स में यह 750 और 12.25 डॉलर प्रति आउंस तक नीचे जा सकते हैं। यूरो के मुकाबले डॉलर में मजबूती और क्रूड की कीमतों में फिर से आई नरमी ग्लोबल मार्केट्स में सोने और चांदी की कीमतों में भारी गिरावट के लिए जिम्मेदार हैं। न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नाइमेक्स) के इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग में शुक्रवार को को क्रूड का सितंबर वायदा तकरीबन 2 डॉलर की नरमी से 113 डॉलर प्रति बैरल देखा गया। इससे पहले न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज (नाइमेक्स) में गुरुवार को क्रूड का सितंबर वायदा 99 सेंट गिरकर 115.01 डॉलर प्रति बैरल बंद हुआ। यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था, चीन में औद्योगिक उत्पादन और अमेरिका में तेल की खपत में कमी के संकेतों के मद्देनजर एकबार फिर से क्रूड की कीमतों में नरमी आई है। जबकि यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट की आशंका़, कच्चे तेल की कीमतों मे नरमी और अमेरिका में महंगाई के बढकर 17 सालों के उच्चतम स्तर तक चले जाने के चलते डॉलर यूरो के मुकाबले 0.6 पर्सेंट यानी 5.5 महीनों की ऊंचाई पर दर्ज किया गया। आंकड़ों के मुताबिक यूरोपीय यूनियन के 15 देशों में साल 2008 के अप्रैल-जून के दौरान अर्थव्यवस्था में 0.2 पर्सेंट की नरमी आई जबकि चीन में जुलाई के दौरान औद्योगिक उत्पादन में 14.7 पर्सेंट की बढोतरी हुई जो पिछले साल की समान अवधि के 16 पर्सेंट की तुलना में कम है। निवेशकों को फिलहाल अमेरिका से शुक्रवार को जारी होने वाले मैन्यूफैक्चरिंग, कंज्यूमर कंफीडेंस इंडेक्स और इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन डाटा का बेसब्री से इंतजार है। -ET
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