Friday, 22 August 2008

मंथली जारी करेगी सरकार महंगाई के आंकड़े

हैदराबाद : नया थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) बन जाने के बाद सरकार महंगाई के आंकड़े हफ्ते के बजाय महीने में एक बार जारी करेगी। जानकारों का कहना है कि हर महीने आंकड़े जारी होने से महंगाई की वास्तविक तस्वीर मिल सकेगी। इसके अलावा इससे सरकार को महंगाई पर नियंत्रण के लिए बेहतर नीति तैयार करने में भी मदद मिलेगी। देश के प्रमुख सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने एक कार्यक्रम के अवसर पर कहा, 'थोक मूल्य सूचकांक को मापने के लिए हफ्ते की जगह हर महीने की व्यवस्था अपनाने के अभिजीत सेन समिति के सुझावों का हमने समर्थन किया है। इससे महंगाई की ज्यादा सही तस्वीर उभरने की उम्मीद है।' गौरतलब है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल की वजह से 9 अगस्त को समाप्त हफ्ते में डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई की दर 12.63 फीसदी पहुंच गई है। आसमान छूती महंगाई पिछले 16 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। फलों, सब्जियों और दूध जैसे खाद्य पदार्थों के महंगे होने की वजह से मुद्रास्फीति की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई। फिलहाल सरकार महंगाई के अस्थायी आंकड़े 2 हफ्ते पीछे के लिए और अंतिम आंकड़े 2 माह पीछे के जारी करती है। अभिजीत सेन समिति ने डब्ल्यूपीआई का आधार वर्ष बढ़ाकर 2004-05 करने और उत्पादों की संख्या भी बढ़ाकर 435 से बढ़ाकर 1,200 करने की सिफारिश की है। इसमें रिपोर्टिंग यूनिट की संख्या 1,900 से बढ़ाकर 10,000 करने का सुझाव है। -ET

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